Not known Facts About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।